मेरठ ,महाराष्ट्र के अमरावती के क्राकरी कारोबारी ने मेरठ को कोरोना के कालचक्र में झोंक दिया है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और इसके कालचक्र को तोड़ने के लिए 1000 से ज्यादा लोगों से संपर्क करना पड़ सकता है। अमरावती से ही उसे बुखार आ रहा था। वहां भी लोगों के संपर्क में आया होगा।
इसके अलावा ट्रेन से चलकर मेरठ तक आया। यहां एक शादी समारोह में हिस्सा लिया, मस्जिद में नमाज पढ़ी। इलाज कराने के लिए तीन अस्पतालों में भी गया था। अकेले मेरठ में ही कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में 200 से ज्यादा लोगों के आने की बात सामने आ रही है। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए मरीज से मिलने वालों की चेन तोड़ना बहुत जरूरी है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम इसके लिए महाराष्ट्र के अमरावती के प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से भी संपर्क करेगी, ताकि मरीज वहां कहां रहता था, किस- किस के संपर्क में रहता था, इसके घर को भी सैनिटाइज कराया जाएगा। उन गली, मोहल्ले के लोगों से भी संपर्क किया जाएगा। उनकी तबीयत कैसी है। इसके अलावा यह जिन दो ट्रेनों से आया, किस बोगी में था, कहां से चढ़ा था, कहां तक आया था। उन बोगी में कौन- कौन लोग सवार थे, उनकी भी लिस्ट निकाली जाएगी। उनमें कोई संक्रमित तो नहीं है, उनमें अगर कोई संक्रमित है तो वह किन लोगों से मिला था। इसकी पड़ताल होगी।
मेरठ में शास्त्री नगर, हुमायूं नगर, सोहराब गेट के सराय बहलीम, भगत सिंह मार्केट, जिस शादी में शामिल हुआ, जिस मस्जिद में नमाज पढ़ी। वहां जिन- जिन से मिला, उन लोगों से संपर्क किया जाएगा। उनमें लक्षण देखे जाएंगे, अगर किसी में लक्षण होंगे तो उसकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा अगर इन लोगों से संपर्क करने के बाद इनमें से किसी को कोरोना की पुष्टि होती है तो फिर वह किन लोगों से मिला है उसकी भी पूरी पड़ताल की जाएगी।
दरअसल इस तरह एक चेन बन जाती है और इसको ब्रेक करना पड़ता है। इसको ब्रेक किए बिना इस महामारी को रोक पाना मुमकिन नहीं है। मेरठ में करीब 200 लोगों की पड़ताल करनी पड़ेगी। फिलहाल इस सूची में 70 से ज्यादा लोगों की पहचान हो गई है। इनमें 50 से ज्यादा लोग इसके रिश्तेदार हैं। जिन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया गया गया है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर परेशान है। सीएमओ डॉ. राजकुमार ने लोगों से अपील की है कि यह मरीज जिन- जिन लोगों के संपर्क में रहा है जब तक स्वास्थ्य विभाग की टीम उन तक पहुंचे वह खुद को घर में ही आइसोलेट रखें। घर के बाहर कतई ना निकलें। ऐसे लोग स्वास्थ्य विभाग की टीम से खुद भी संपर्क कर सकते हैं
तीन अस्पताल वालों ने किया था इनकार
कोरोना के इस मरीज को शहर के तीन अस्पतालों में भर्ती करने के लिए ले जाया गया था। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने महाराष्ट्र से आया होने के कारण और कोरोना के खौफ के चलते इसे भर्ती करने से इनकार कर दिया था। यही वजह थी कि इसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा था।
महाराष्ट्र या मेरठ किसके सूची में चढ़ेगा मरीज
कोरोना का यह मरीज किसके खाते में चढ़ेगा इसे लेकर भी असमंजस बरकरार है। दरअसल यह मरीज जब महाराष्ट्र के अमरावती से चला था, उस वक्त भी इसे बुखार की शिकायत थी। हालांकि बुखार ज्यादा तेज नहीं था। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह पता किया जाएगा कि कोरोना का संक्रमण महाराष्ट्र से ही था या मेरठ आने के बाद हुआ। सीएमओ का कहना है कि मरीज की तबीयत 24 मार्च को ज्यादा खराब हुई। उसके बाद इसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया।
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