भूखे-प्यासे बच्चे, औरतें, जवान और बूढ़ों का यह दल श्रावस्ती जिले के एकौना बाजार जाने के लिए तैयार

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन का आज 5वां दिन है। राज्य में रहने वाले ज्यादातर लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को हालात उस वक्त बिगड़ गए, जब दिल्ली समेत दूसरे राज्य से आए मजदूर और कामगार यहां पहुंचे। लखनऊ के चारबाग और कैसरबाग बस अड्डे पर हजारों की भीड़ पहुंच गई। यहां न यात्रियों की कोई मेडिकल जांच हुई, न ही उनका कोई रिकॉर्ड बनाया गया। जिला प्रशासन ने 200 से अधिक बसों का इंतजाम उनके गृह नगर जाने के लिए रवाना किया। इस बीच, उत्तर प्रदेश में 24 घंटे के भीतर 14 नए मरीज सामने आए। अब तक प्रदेश में 65 संक्रमित पाए गए


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि 3 दिनों में दूसरे राज्यों से एक लाख से ज्यादा लोग प्रदेश में आए।  इन सभी लोगों के नाम, पता, फोन नंबर की सूची तैयार कर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया जाए। इन सभी को सर्विलांस पर रखते हुए इनका अनिवार्य क्वारैंटाइन कराया जाए। सीएम ने नोएडा में संक्रमण के केस बढ़ने पर स्वास्थ्य और स्वच्छता को मजबूत करने के निर्देश दिए। इधर, प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा- जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि जिला मुख्यालयों पर पहुंच रहे कामगारों के लिए समुचित व्यवस्था की जाए। गांव पहुंचने पर इनकी सूची बनाई जाए और जिन्हें आइसोलेट या क्वारैंटाइन करने की जरूरत है, उन्हें किया जाए।


चार कंधों पर एक बल्ली। कपड़ों का एक झूला और उसमें झूलते हुए आगे बढ़ते 60 पार के सालिग। एक हाथ और पैर को लकवा मार गया है। बीते चार दिनों से 40 लोगों का यह कारवां इस नि:शक्त बुजुर्ग को ढोते हुए दिल्ली से लखनऊ पहुंचा। हमारे संवाददाता को पता चला तो मौके का हाल देखकर कलेजा हलक में आ गया। भूखे-प्यासे बच्चे, औरतें, जवान और बूढ़ों का यह दल श्रावस्ती जिले के एकौना बाजार जाने के लिए तैयार बैठा था। श्रवण कुमार की कहानी तो हर सख्स ने सुनी होगी पर इस लाकडाउन में इस युग में भी श्रवण कुमार के दीदार हुए लखनऊ की सड़कों पर। 80 वर्ष के सालिगराम इकौना श्रावस्ती के रहने वाले हैं जो दिल्ली में अपने बेटों के साथ रह रहे थे जहाँ इनके गाँव के कई लोग भी रहते हैं। लाकडाउन के ठीक पहले ये दिल्ली से रवाना हुए। पायरेलेसिस से ग्रसित सालिगराम  चलने में असमर्थ है सो इनके बेटों ने इस तरह चार दिनों में पांच सौ किलोमीटर का सफर तय करके शनिवार को लखनऊ पहुंचे, बीच में अगर कोई सवारी मिल जाती तो उस पर सवार हो जाते,फिर इसी तरह चल पड़ते। शनिवार दोपहर लखनऊ शहीद पथ पर समिट विल्डिंग के सामने आइपीएस नवनीत सिकेरा जी ने इनके खाने का प्रबंध किया और विभूतिखंड इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ल  ने इनकी जांच कराकर इनके घर भेजने का प्रबंध किया।


 


 


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