वैश्विक महामारी कोरोना वायरस भारत में तेजी से पांव पसार रहा है। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक इस वायरस से देश में 17 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 724 लोग संक्रमित हैं और 66 लोग ठीक हो चुके हैं।
नई दिल्ली। भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार सार्स-सीओवी-2 वायरस (कोविड-19) की सूक्ष्मतम (माइक्रोस्कॉपी) तस्वीर पर से परदा उठाने में कामयाबी हासिल की है। वैज्ञानिकों ने केरल में 30 जनवरी को सामने आए कोरोना वायरस के सबसे पहले पुष्ट मरीज के गले की खराश का नमूना लिया था। उस नमूने से यह तस्वीर सामने आई है। आईजेएमआर के लेटेस्ट एडिशन में इसे विस्तार से प्रकाशित किया गया है।
यह महिला मरीज उन तीन छात्रों में शामिल थी जो चीन के वुहान शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। केरल के इन नमूनों की जीन सिक्वेंसिंग नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) में की गई थी। इसमें पता चला था कि भारत में मिला यह वायरस चीन के वुहान शहर में मिले वायरस से 99.98 फीसद मेल खाता है।
आइजेएमआर में उपरोक्त लेख आइसीएमआर-एनआइवी नेशनल इंफ्लूएंजा सेंटर की टीम ने लिखा है। इसके लेखकों में एनआइवी के उपनिदेशक और इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी एंड पैथोलॉजी के प्रमुख अतनु बसु भी शामिल हैं। लेख के मुताबिक, एक वायरस पार्टिकिल काफी अच्छी तरह संरक्षित था जिसमें कोरोना वायरस के बेहद विशिष्ट लक्षण दिखाई दे रहे थे। इसका आकार 75 नैनोमीटर का था।
आपको बता दें कि अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। दुनियाभर में तमाम देशों के वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढने के लिए रिसर्च में जुटे हैं। भारतीय वैज्ञानिकों ने अब कोरोना वायरस की तस्वीर ली है, जिससे इसके इलाज की दिशा में आगे के शोध का रास्ता साफ हो गया है।
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